
कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, पीएमओ और सीएम से जांच की मांग
देहरादून – श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गणेश गोदियाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप वर्ष 2012 से 2017 के बीच मंदिर समिति की अध्यक्षता के दौरान कथित वित्तीय गड़बड़ियों और नियमविरुद्ध नियुक्तियों से जुड़े हैं। आध्यात्मिक विश्लेषक और जनजातीय कार्य एवं पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार में सलाहकार रहे अमित कुमार शर्मा ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से शिकायत की और तत्काल जांच की मांग की है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गोदियाल ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए मंदिर समिति की धनराशि का दुरुपयोग किया। दस्तावेजों के आधार पर दावा किया गया है कि उन्होंने ऐसे मदों में भी धन खर्च किया, जिनके लिये वित्त का कोई प्रावधान ही नही था।
इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने मंदिर समिति में कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रोन्नति को लेकर बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप भी लगाए हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, वर्ष 2012 से 2017 के बीच 70 अस्थायी कर्मियों की कथित तौर पर अवैध नियुक्ति की गई थी। इनमें से अधिकांश को पहले दैनिक मजदूरी पर रखा गया और बाद में उन्हें पूरे वर्ष के लिए अनुबंधित कर लिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वर्ष 2022 में उत्तराखंड के मुख्य सचिव द्वारा जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत गढ़वाल आयुक्त द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट में कई अनियमितताओं की पुष्टि भी हुई है। धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग ने इस पर विधि विभाग से परामर्श मांगा था, जिस पर विधि विभाग ने प्रकरण में आपराधिक कार्रवाई की अनुशंसा की, लेकिन अब तक शासन स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
शिकायतकर्ता ने सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे “भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन” की सरकार की नीति पर प्रश्नचिह्न लग रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गणेश गोदियाल के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे न्यायालय की शरण लेंगे।



अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार इस गंभीर मामले में क्या रुख अपनाते हैं।