जिला सहकारी बैंकों का लाभ 180 करोड़ रुपये से बढ़कर 232 करोड़ रुपये हुआ
देहरादून, साल दर साल घाटे के दलदल में फंसते जा रहे सहकारी बैंकों की बैलेंस सीट अब चमकदार हो गई है। यहां मुनाफा बढ़ा है तो भरोसा भी बढ़ना स्वाभाविक है। और यह सब सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत के निर्देशन में हुए सुनियोजित प्रयासों से संभव हो पाया है। जाहिर है कि वित्तीय सामर्थ्य के यह प्रयास गांव गांव तक समृद्धि की रोशनी फैलाने में कारगर होंगे।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में जिला सहकारी बैंक क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए प्रगति के वाहक हैं। अपने अभिनव कार्यक्रमों, पहलों और नेतृत्व के माध्यम से, इन बैंकों ने न केवल अपने सकल लाभ में वृद्धि की है, बल्कि ग्रामीणों की आय को दोगुना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने बताया कि, उत्तराखंड राज्य के जिला सहकारी बैंकों ने लाभप्रदता के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है। सहकारी बैंकों ने पिछले साल की तुलना में सकल लाभ 180 करोड़ से बढ़कर 232 करोड़ रुपये किया है। उन्होंने कहा कि, यह प्रभावशाली वित्तीय प्रदर्शन इन वित्तीय संस्थानों को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई रणनीतियों और पहलों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
डॉ. रावत ने विश्वास व्यक्त किया है कि जिला सहकारी बैंकों का लाभ स्तर निरंतर बढ़ता रहेगा। राज्य में वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इन सहकारी बैंकों की सफलता से स्पष्ट है। उन्होंने लाभ के लिए बोर्ड और बैंक अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि सभी की लगन और कड़ी मेहनत का यह प्रमाण है। उनके प्रयासों से न केवल वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।